संगीत, नृत्य , गायन और संगीत वाद्य का संयोजन है। यह इश्वर तक पहुँचने का एक तरीका है । संगीत में इतनी शक्ति है की वो हमें कभी हंसाता है तो कभी रुला भी देता है। जब मियां तानसेन ने राग मल्हार गाया , तो वर्षा होने लगी।
जैसे परमेशवर एक है , सर्वजगत में संगीत भी एक है। यह कहा जा सकता है की देवताओं की भाषा ही संगीत है। सूफ़ी संगीत ,भजन और पश्चिमी क्वायर ,दुनिया के अलग -अलग कोनों से एक ही ईश्वर को पुकारते है ।
लेखिका : काव्या गाँधी
कक्षा :४-सी
AVMBW