छुट्टियों का मौसम आया
सभी के चेहरे पे चहक लाया
गोवा जाने की थी तैयारी
रेल गाड़ी से की हमने सवारी
समुद्र तट पर था होटल हमारा
इतना सुन्दर सजा संवारा
आते ही हमने पानी में डुबकी लगायी
फिर खायी नारियल की मलाई
बाहर जाने की थी माँ को सिफारिश
पर बादल गरजे और हुई बारिश !
बरसात में खेले हमने अनेक खेल
फिर हमें जाना था क्योकि पकड़नी थी रेल
इस ग्रीष्म अवकाश में मुझे बड़ा माज़ा आया
इतनी धूम इतनी ख़ुशी का एहसास, जो पाया !!
नूपुर रूपारेलिया
९स
आर्य विद्या मंदिर बांद्रा पश्चिम