चिन्ता छोड़ो , प्रसन्न रहो ।
दुनिया में आए हो तुम
चिन्ता क्यों करते हो मौत कि तुम
जीना है तुम्हें एक बार
मरते हो तुम क्यों बार बार
जीवन मिला एक तुम्हें अनमोल
खुदकुशी क्यों करते हो तुम।
रोए हो तुम हँसने की चाह में
गिरे हो तुम खड़े होने की चाह में
चले हो तुम दौड़ने की चाह में
गलती किए हो तुम सुधारने की चाह में
कुछ खोए बिना पा नहीं सकते
हारे नहीं हो तुम जीत नहीं सकते ।
गम के बिना न है इंसान कोई
संघर्ष के बिना ना पाया मंज़िल कोई
खिलते हुए चेहरे को देखो
रोते हुए चेहरे को पूँछों
हँसते रहो हँसाते रहो
ये ज़िंदगी तुम्हारी है जीते रहो ।
Tanya Varma
Class: 8B
AVM JUHU