जीवन कभी हँसता,
कभी रुलाता
तो कभी गुदगुदाता है
इसका हर पल हमें कुछ न कुछ सिखाता है।
कभी धुप तो कभी छाँव,
कभी दोस्तों पर प्यार तो कभी गुस्सा आता है,
ऐसा हर पल जिंदगी को हसीन बनाता है।
हर परीक्षा का निश्चिंत परिणाम है,
परिश्रम ही सफलता का आधार है,
जीवन की नैया यदि डाँवा डोल हो जाये तो उसका खिवैया ही उससे पर लगता है।
बेहतहाशा दर्द व तकलीफ है,
तो बेइंतहा मोहबत्त भी है ,
हर रास्ता किसी न किसी मंजिल तक,
ले ही जाता है।
भूक, धुप और निराशा को,
होंसलों से हराया है,
यूँ ही नहीं हर दिन को रात का और
अँधेरे को उजाले का इंतज़ार रहता है।बात बात पर नानी का यह कहना,
कि ‘ ये बाल धुप में सफ़ेद नहीं किये ‘
आज समझ आता है।
कई उतार चढ़ाव देखें हैं,
यूँ ही नहीं ‘अनुभव जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक कहलाता है। हम सब, जीवन के छोटे-बड़े रास्तों में कई ठोकर खाते हैं। कभी-कभी बहुत चोटें भी लगती हैं परन्तु हर ठोकर हमें सावधानी से चलना सिखातें हैं। अंधेर के बिना प्रकाश नहीं और दुःख के बिना सुख नहीं, बस यहीं हमारा जीवन हैं। मेरे अनुसार जीवन एक खुला सागर है और तकलीफे लहर है पर अगर हम सागर में तेरे तो इसकी लेहरे हमें एक सुन्दर टापू पर पहुंचा देती है। हमें बस हिम्मत रखकर आगे बढ़ना चाहिए। अनुभव से बड़ा कोई शिक्षक नहीं होता क्योंकि यह हमें गुण, व्यक्तित्व और लड़ने की शक्ति देता है जो शायद कोई और शिक्षक सच्चे उद्धरण के साथ नहीं सीखा सकता। इसलिए निराशा को साथी न बनाकर आगे बढ़ते रहना चाहिए क्योंकि सच्चे और मेहनती लोगों के भाग्य में अच्छे दिन ज़रूर आता हैं।
Manya Chopra 10 B
AVM JUHU