अनुभव जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक हैं। मनुष्य अपने अनुभव से बहुत कुछ सीखता है। हमारे जीवन में अनेक स्मृतियाँ होती हैं , कुछ अच्छी-कुछ बुरी,कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जिनसे हम अच्छा सबक सीखते है। मेरे जीवन में भी मैंने अनेक अनुभव किए हैं,जिनसे मुझे कुछ नया सिखने को मिला।
ऐसा ही एक यह अनुभव है। मुझे समुद्र और नदी से बहुत डर लगता था। मैं स्विमिंग पूल में आराम से तैर लेती थी पर समुद्र या नदी में बहुत डर लगता था। गर्मी की छुट्टियों में, मैं और मेरा परिवार अंडमान और निकोबार टापू गए। मुझे बहुत डर लग रहा था क्योंकि वहा तो समुद्र ही समुद्र थे। वह पर मैंने स्नॉर्कलिंग जिसमे हमें समुद्र के अंदर ले जाते हैं। मेरा यह डर गया और अगर मैंने स्नॉर्क्लिंग नहीं की होती तो शायद मेरा यह डर कभी दूर नहीं होता।
अब मैं सभी को यह बताना चाहती हूँ कि हमारे वीर जवान जो हमारी रक्षा करते हैं,जब हम उन पर सवाल करते है तो हम क्या सोच रहे होते हैं? जब मैं सातवीं कक्षा तब मैं भी जवानों पर बहुत सवाल करती थी ,लेकिन जब मैं और मेरा परिवार जम्मू और कश्मीर घूमने गए थे तब मुझे एहसास होआ की मैं कितनी गलत थी। वह पर गर्मी थी पर तब भी हमारे वीर जवान मोटी वर्दी और हेल्मेट पहनकर देश की रक्षा थे। वे लोग बारिश और तूफान को पीछे छोड़कर हमारे देश की सुरक्षा करते हैं।
जब मैं कश्मीर गई तो मुझे यह बात का एहसास होआ तथा मैंने उनके रहने के तरीकों को अनुभव किया। मैं मेरे देश के वीर जवानों पर बहुत गर्व करती हूँ।
मुझे याद है जब मैं दूसरी कक्षा में थी तब मुझे मेरी अंग्रेज़ी की शिक्षिका से बहुत डर लगता था। मुझे उनसे बात करने पर बहुत घबराहट होती थी। पर मेरे माता-पिता ने मुझे कहा कि मैं उनसे जाकर बात करून और अपनी समस्या बताऊं। जब मैंने उनसे बात जाकर बात करि तब मुझे एहसास हुआ कि वे बहुत अच्छी हैं और मेरा सारा गायब हो गया।
यह थे मेरे कुछ अनुभव, जिनसे मैंने बहुत कुछ सीखा,जाना और अपने डरों को भुलाया।
AVM JUHU